Tuesday, 15 September 2015

Inspirational Story 16-Sep-2015

 अपना नज़रिया बदलो

एक अत्यन्त धनी व्यक्ति था। उसके पास इतना धन था कि वह कुछ भी खरीद सकता था। किन्तु उसके साथ
एक समस्या थी और वह थी उसकी आँखों में लगातार रहने वाला दर्द।
उसने कई चिकित्सकों को दिखाया और उसकी इस समस्या का इलाज लगातार चल रहा था। किन्तु कोई लाभ
नहीं हो रहा था। उसे इस बीमारी से पीछा छुड़ाने के लिए सैकड़ों इंजेक्शंस भी लगवाने पड़ चुके थे। दवाईयें तो
वह इतनी खा चुका था जिनकी कोई गिनती ही न थी।
किन्तु दर्द कम होने के स्थान पर बढ़ता ही जा रहा था। अन्त में एक ऐसे भिक्षु को उस धनी व्यक्ति की आंखों

का दर्द ठीक करने के लिए बुलाया गया जो इस प्रकार के लाइलाज मर्ज़ ठीक करने का विशेषज्ञ माना जाता था।
भिक्षु ने पहले तो धनी व्यक्ति की समस्या को समझा और फ़िर कहा कि कुछ समय के लिए इस व्यक्ति को केवल
हरे रंग की वस्तुओं और पदार्थों को ही देखना है और कोशिश करनी है कि कोई और रंग ( हरे रंग के अलावा )
उसकी आँखों पर न पड़े।
धनी व्यक्ति ने तुरन्त पेन्टरों को बुलाया और कई बैरल हरा रंग खरीदा और उन पेन्टरों को हिदायत दी कि
जो-जो चीज़ें भी उसकी नज़र से गुज़रने की सम्भावना हो उन्हें हरे रंग से रंग दिया जाये।
कुछ दिनों के बाद जब वह भिक्षु दोबारा उस धनी व्यक्ति को देखने आया, तो धनी व्यक्ति के कर्मचारी हरे रंग से
भरी बाल्टियाँ लेकर गये और उन्होंने उस भिक्षु को हरे रंग से सराबोर कर दिया क्यों कि भिक्षु ने केसरिया रंग
का चोला पहना हुआ था। इसके बाद जब भिक्षु उस धनी व्यक्ति के सम्मुख पहुंचा तो जोर से हंसा और बोला,
" साहब ! आपने यदि केवल एक हरे रंग के शीशों वाला चश्मा ही खरीद लिया होता, तो आपका बहुत सा
सामान, दीवारें, बर्तन इत्यादि बर्बाद होने से बच जाते और आपका बहुत सा धन भी बच गया होता जो आपने
रंगों और पेन्टरों पर खर्च किया। "
                                           


शिक्षा :
         " आप पूरे संसार को हरे रंग से नहीं रंग सकते। "
आप अपना नज़रिया बदल लें और पूरा संसार आपको वैसा ही दिखने लगेगा। यदि आप पूरी दुनियां को
बदलना चाहते हैं तो पहले अपने आपको बदलिए।

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