रक्षाबंधन सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक तथा ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पवित्र बंधन जिसे जनमानस में रक्षाबंधन के नाम से सावन मास की पूर्णिमा को भारत में ही नही वरन् नेपाल तथा मॉरिशस में भी बहुत उल्लास एवं
धूम-धाम से मनाया जाता है। रक्षाबंधन अर्थात रक्षा की कामना लिए ऐसा बंधन जो पुरातन काल से इस सृष्टी पर विद्यमान है। इन्द्राणी का इन्द्र के लिए रक्षा कवच रूपी धागा या रानी कर्मवति द्वारा रक्षा का अधिकार लिए पवित्र बंधन का हुमायु को भेजा पैगाम और सम्पूर्ण भारत में बहन को रक्षा का वचन देता भाईयों का प्यार भरा उपहार है, रक्षाबंधन का त्योहार।
ये कहना अतिश्योक्ति न होगी कि, रक्षा की कामना लिये भाई-चारे और सदभावना का ये धार्मिक पर्व सामाजिक रंग के धागे से बंधा हुआ है। जहाँ लोग जातिय और धार्मिक बंधन भूलकर एक रक्षासूत्र में बंध जाते हैं।
“कच्चे धागे से बनी पक्की डोर है राखी।
प्यार और मिठी शरारतों के साथ, बहन की रक्षा का अधिकार है राखी।
जात-पात , भेद-भाव को मिटाती, एकता का पाठ है राखी।
भाई-बहन के विश्वास और ज़जबात का पवित्र रूप है राखी।“